मुझी से वो मेरा फ़साना न पूछो/
कभी सोचते है क्या खोया है हमने
पर क्या क्या भरा है हर्जाना न पूछो/
कितने जतन कर है दिल को संभाला
मुझे ही वो मेरा बहलाना न पूछो/
न बाकी बचा है गाने को कुछ भी
वो कैसा था हमसे तराना न पूछो/
थी माहताब की रौशनी धीमी धीमी
था क्या क्या हुआ अफसाना न पूछो/
वो आशिक को इनका डरना न पूछो/
न पीते थे 'आशु' कभी भी मदिरा
आज पीकर वो गिरना गिराना न पूछो/
behad rochak gazal hai, khaskar doosaraa sher to beshak umdaa hai.
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