शुक्रवार, फ़रवरी 07, 2014

संगीत की हम क्या बात करें

संगीत की हम क्या बात करें
सुन सुर हर पत्ता सांस भरे.

जिसे न आता हो हिलना भी
वो भी तो इसपर नाच करे.

ऐसी है इसमें खास बात
सरहद को युहीं पार करे.

जहां हो उदासी बेहिसाब
उसमें भी ये उल्लास भरे.

ये दूर भागा दे अंधियारा
चहुँ और नया प्रकाश भरे.

जो फूल चला मुरझने की डगर
उसमें खिलने की आस भरे.

ये धर्म जात से है परे
खुशियों का बस प्रसार करे.

इसमें ही ईश्वर और अल्लाह
रूहानी हर इक ताल करे.

न बंध पाए किसी बंधन में
पर खुद में सबको बांध ले.

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