सोमवार, सितंबर 29, 2014

कभी तुम हो बोतल

कभी तुम हो बोतल

कभी तुम हो बोतल
कभी तुम नशा हो
कभी तुम मज़ा हो
कभी तुम सजा हो

कभी तुम बनी हो नदिया की धारा
कभी तुम बनी हो साहिल हमारा

कभी तुम हो फूलों की खुशबु सुहानी
कभी तुम हो झरनों से गिरता वो पानी

कभी तुम हो बोतल
कभी तुम नशा हो
कभी तुम मज़ा हो
कभी तुम सजा हो

कभी तुम हो सपनों से नींदें उड़ाती
कभी गाके लौरी हो मुझको सुलाती

कभी तो मुझे हो तुम कितना सताती
कभी पास आके फिर मुझको मनाती

कभी तुम हो बोतल
कभी तुम नशा हो
कभी तुम मज़ा हो
कभी तुम सजा हो

कभी जब भी देखो हो शरमा के मुझको
मेरा दिल करे भर लूँ बाहों में तुझको

कभी तुम मुझे हो मुझी से चुराती
कभी आके दिल अपना मुझको दे जाती

कभी तुम हो बोतल
कभी तुम नशा हो
कभी तुम मज़ा हो
कभी तुम सजा हो

कभी जब न होती हो आँखों के आगे
मेरा दिल न जाने कहाँ कहाँ भागे

कभी जब तुम मुझसे हो जाती हो गुस्सा
मेरा दिल करे खुद को मरुँ इक मुक्का

कभी तुम हो बोतल
कभी तुम नशा हो
कभी तुम मज़ा हो
कभी तुम सजा हो

सताया है तुमको बहुत मैंने फिर भी
कहती हो ये भी तो फितरत है दिल की

कभी तुम हो बोतल
कभी तुम नशा हो
कभी तुम मज़ा हो
कभी तुम सजा हो


-अश्वनी कुमार

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