अंतराल

अंतराल एक ऐसा ब्लॉग है, जहां आप सभी मेरी लिखी कुछ ग़ज़लें पढ़ पायेंगे। बस एक कोशिश की है लिखने की, क्योंकि न तो मैं लिखना जानता हूँ। और न ही मैंने कहीं से सीखा है। पर जितना भी पढ़ा उसी के आधार पर कुछ लिख पाने में सक्षम हुआ हूँ। अब आप सब की प्रतिक्रियाएं चाहता हूँ।

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बुधवार, अक्टूबर 28, 2015

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प्रस्तुतकर्ता: Ashwani Kumar @ बुधवार, अक्टूबर 28, 2015 कोई टिप्पणी नहीं:
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