शनिवार, दिसंबर 07, 2013

तेरी आँखों में...

तेरी आँखों में मुझे दर्द नज़र आता है 
नज़रों से होते हुए सीने तलाक जाता है।।

खुदी को रोकता हूँ खुद ही की अब अंजुम से 
मगर ये इश्क़ मेरा तुझको पास लाता है।।

जो नहीं हुआ मेरा, उसे पाने की चाह है 
येही इक ख़्वाब है जो मुझको अब सताता है।।

जिसे न इश्क़ हुआ वो है खुश मिज़ाज़ जिया 
जिसे होता वो ही पागल सनम कहलाता है।।

इश्क़ के राह पर चलना बड़ा कठिन होता 
मगर चलता है जो पार वो ही पाता है।।

तेरी आँखों में मुझे दर्द नज़र आता है 
नज़रों से होते हुए सीने तलक जाता है।।

लोग कहते हैं 'आशू' इश्क़ की न बात करो 
मगर करने लगे जो, ख़ुदा की शरण पाता है 

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